गर्भावस्‍था और किडनी से जुड़ी अहम जानकारियां

गर्भावस्‍था और किडनी से जुड़ी अहम जानकारियां

सेहतराग टीम

मां बनना किसी भी महिला का सपना होता है मगर यदि किसी को किडनी की बीमारी हो तब भी क्‍या वो मां बनने का जोखिम उठा सकती है? दरअसल स्‍वस्‍थ गर्भावस्‍था के लिए जोखिम वाले कुछ कारकों पर नजर रखना जरूरी है। इनमें किडनी की बीमारी किस अवस्‍था में है, आपका सामान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कैसा है, आपकी आयु कितनी है, ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग की स्थिति कैसी है, कोई और गंभीर समस्‍या तो नहीं है और अंत में आपके पेशाब में प्रोटीन की क्‍या स्थिति है, इन सब बातों पर ध्‍यान दिया जाता है। इसलिए गर्भ धारण करने की योजना बनाने से पहले किडनी के मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने डॉक्‍टर से जरूर मशविरा करें। यहां हम गर्भावस्‍था और किडनी की बीमारी के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं:

क्‍या किडनी की छोटी बीमारी वाली महिलाएं मां बनने का जोखिम उठा सकती हैं?

यह कुछ बातों पर निर्भर करता है। स्‍टेज 1 और 2 जैसी किडनी की बेहद शुरुआती अवस्‍था की बीमारी, सामान्‍य ब्‍लड प्रेशर और पेशाब में शून्‍य या बेहद कम मात्रा में प्रोटीन (प्रोटीनयूरिया) की स्थिति वाली महिलाओं में सफलतापूर्वक गर्भधारण के अच्‍छे प्रमाण मौजूद हैं। आखिर ये प्रोटीनयूरिया है क्‍या? दरअसल ये किडनी के क्षतिग्रस्‍त होने का लक्षण है। हमारे शरीर को प्रोटीन की जरूरत होती है मगर ये हमारे खून में होना चाहिए हमारे पेशाब में नहीं। प्रोटीन अगर पेशाब में आने लगे तो इसका मतलब है कि किडनी हमारे खून को सही तरह से साफ नहीं कर रहा है और इसलिए प्रोटीन रिसकर पेशाब में जा रहा है।

दूसरी ओर यदि महिलाओं को स्‍टेज 3 से 5 तक की किडनी की बीमारी है तो गर्भ धारण करने में जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है। कुछ मामलों में तो मां और बच्‍चे के लिए ये जोखिम इतना अधिक होता है कि महिलाओं को गर्भधारण करने से परहेज ही करना चाहिए। इसलिए अगर आप मां बनने के बारे में सोच रही हैं तो अपनी बीमारी की गंभीरता और अन्‍य जटिलताओं के बारे में अपने डॉक्‍टर से सलाह लें।

यदि कोई महिला डायलिसिस पर है तो क्‍या वो गर्भ धारण कर सकती है?

आपके शरीर के कुछ बदलाव गर्भधारण को बहुत मुश्किल कर देते हैं। उदाहरण के लिए डायलिसिस करवाने वाली अधिकांश औरतें एनीमिया यानी लाल रक्‍त कोशिकाओं की कमी की शिकार होती हैं और उनमें हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। इसके कारण बहुत संभव है कि उनकी माहवारी नियमित न रहे।

इसलिए ऐसी महिलाएं जिनकी किडनी बिलकुल कम काम कर रही है उन्‍हें गर्भधारण करने की सलाह नहीं दी जाती। ऐसे मामलों में जटिलता की दर बेहद अधिक होती है। इस मामले में मां और बच्‍चे दोनों की जान को बहुत अधिक जोखिम होता है। इसलिए बेहतर है कि पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें। यदि आप गर्भवती हो गई हैं तो ऐसी स्थिति में आपकी गर्भावस्‍था पर बहुत सतर्क निगाह रखने की जरूरत होगी और ऐसी स्थिति में दवाओं में बदलाव और ज्‍यादा डायलिसिस की जरूरत पड़ेगी।

यदि किसी महिला का किडनी ट्रांसप्‍लांट हुआ हो तो क्‍या वो मां बन सकती है?

निश्चित रूप से। यदि आपका सफल किडनी प्रत्‍यारोपण हुआ है तो आपकी माहवारी नियमित होनी चाहिए और साथ ही आपका स्‍वास्‍थ भी ठीक होना चाहिए। इसलिए गर्भधारण करना और मां बनना संभव है। लेकिन ध्‍यान रहे किडनी प्रत्‍यारोपण के कम से कम एक वर्ष तक गर्भधारण की गलती न करें भले ही आपकी किडनी बिलकुल सामान्‍य काम कर रही हो। दरअसल किडनी ट्रांसप्‍लांट के बाद जो दवाएं दी जाती हैं उनमें से कुछ दवाएं गर्भ में विकसित हो रहे बच्‍चे को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि कुछ मामलों में ट्रांसप्‍लांट के बाद गर्भधारण की सलाह नहीं दी जाती है क्‍योंकि इससे मां और बच्‍चे को जोखिम होता है। ऐसे मामलों में तब भी मनाही की जाती है जब लगता है कि गर्भधारण करने से ट्रांसप्‍लांट को ही खतरा हो सकता है। पहले के दो मामलों की तरह इस मामले में भी अपने डॉक्‍टर की सलाह पर ही काम करें क्‍योंकि इस मामले में कुछ दवाओं को बदलने की जरूरत पड़ती है। साथ ही आपके चिकित्‍सक ही आपको ये सलाह दे सकते हैं कि ट्रांसप्‍लांट के बाद कब मां बनना आपके लिए सुरक्षित है।

ट्रांसप्‍लांट वाले मरीजों द्वारा ली जाने वाली दवाएं कैसे एक अजन्‍मे बच्‍चे पर असर डाल सकती है?

आमतौर पर ट्रांसप्‍लांट के बाद दी जाने वाली एंटी रिजेक्‍शन दवाएं गर्भवती मह‍िला और उसके अजन्‍मे बच्‍चे के लिए सुरक्षित होती हैं मगर फ‍िर भी कुछ दवाएं गर्भावस्‍था और बच्‍चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसी दवाएं गर्भधारण के कम से कम छह हफ्ते पहले बंद करने की जरूरत होती है और इन्‍हें गर्भावस्‍था के दौरान नहीं लेना चाहिए। जब ये दवाएं बंद की जाती है तब आपके डॉक्‍टर को इसकी निगरानी करनी चाहिए कि इससे आपके ऊपर क्‍या असर हो रहा है और कम आप मां बनने के लिए तैयार हैं। ट्रांसप्‍लांट के बाद मां बनने से पहले अपनी ट्रांसप्‍लांट टीम के संपर्क में रहें और उनसे गर्भ धारण के सुरक्ष‍ित समय की जानकारी लें।

क्‍या डायलिसिस करवाने वाले या किडनी ट्रांसप्‍लांट से गुजर चुके पुरुष पिता बन सकते हैं?

जरूर। डायलिस‍िस या फ‍िर ट्रांसप्‍लांट से गुजर चुके पुरुष पिता बन सकते हैं। यदि लगातार एक साल तक पिता बनने की कोशिश करने के बाद भी आप नाकाम रहते हैं तो आपको अपने डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए क्‍योंकि ट्रांसप्‍लांट के बाद दी जाने वाली कुछ दवाएं फर्टिलिटी पर असर डालती हैं।

किडनी मरीजों को किस तरह के बर्थ कंट्रोल की सलाह दी जाती है?

डायलिस‍िस और ट्रांसप्‍लांट के ऐसे मरीज जो सेक्‍सुअली एक्टिव हैं और अभी तक जिनका मेनोपॉज नहीं हुआ है उन्‍हें निश्चित रूप से बर्थ कंट्रोल के उपाय करने चाहिए ताकि बिना योजना के गर्भधारण न हो जाए। ऐसे बर्थ कंट्रोल उपाय के बारे में आपको अपने डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए। ये बेहद जटिल स्थिति हो सकती है क्‍योंकि यदि ऐसी महिलाएं जिन्‍हें उच्‍च रक्‍तचाप की भी शिकायत है उन्‍हें गर्भनिरोधक दवा नहीं खानी चाहिए क्‍योंकि ऐसी दवाएं आमतौर पर रक्‍तचाप को बढ़ा देती हैं और रक्‍त के थक्‍के बनने की स्थिति हो सकती है। इसलिए ऐसी दवाओं के बदले डायफ्राम, स्‍पंज, कंडोम जैसे अन्‍य उपाय आजमाना चाहिए।

नेशनल किडनी फाउंडेशन की वेबसाइट से साभार

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